कहीं.. इसके बाद, न मिलूँगा... तुझे! तेरे साथ मेरा, ये सफ़र आखिरी है।


कहीं..
इसके बाद,
न मिलूँगा... तुझे!
तेरे साथ मेरा,
ये सफ़र आखिरी है।

कतरा.. न.. ऐसे,
जरा तो ठहर जा!
जो ठहरी है, तुझपे..
नज़र आख़िरी है।

जो
मेरी आँखों में.. बसते रहे,
'हौले - हौले' वो सब चूर होने लगे।
हाँ.. टूटे ख्वाबों का!
ये मंज़र आखिरी है।


कहीं..
इसके बाद,
न मिलूँगा... तुझे!
तेरे साथ मेरा,
ये सफ़र आखिरी है।


तू ही मेरा मान है.. जिस्म है, जान है।
आखिरी ख्वाहिश है.. पहला अरमान है।
एक तेरे बगैर.. मैं कैसे कहूँ..?
मेरी दुनिया कितनी वीरान है।

कोई ठुकरा गया..
तो
सब कुछ बिखरा है ऐसे,
क़ि
'रूह पे बरसा'
ये क़हर आख़िरी है।

कहीं..
इसके बाद,
न मिलूँगा... तुझे!
तेरे साथ मेरा,
ये सफ़र आखिरी है।




बात,
अलग होने की,
वो जो तुमने कही!
क्या बताऊँ भला.. क़ि 'कैसे सही'।

हालत मेरी बड़ी अब नाजुक सी है,
मन में गुबार सा,
रूह परेशान है।
नब्ज़ थमने लगी.. ये जिस्म बे-जान है।

"आंसुओं का झरना"...अब न 'थामे' थमे,
रह - रह के.. बह रही,
ये नहर आख़िरी है।

कहीं..
इसके बाद,
न मिलूँगा... तुझे!
तेरे साथ मेरा,
ये सफ़र आखिरी है।

था एक लड़का.. कोई पागल सा.. कहीं!
रह रह के तुझपे.. बरसता बादल सा.. यूँही!
पर..
तुझसे छूटा जो 'अंकुर'.. गया फिर कहाँ..?
कोई ख़बर ही नहीं,
वो ख़बर आख़िरी है।

कहीं..
इसके बाद,
न मिलूँगा... तुझे!
तेरे साथ मेरा,
ये सफ़र आखिरी है।



                -सदैव से आपका-
                   आर्यण ठाकुर
               (अंकुर सिंह राठौड़)

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KAHIEN ISKE BAD NA MILUNGA TUJHE ..

Kahien iske bad na milunga tujhe tere sath mera ye safar aakhiri hai.

Comments

  1. क्यूँ यूँ ठहर रहा काल की बंदिश में तु...

    क्यूँ समापन करता संग इसके......

    चलता जा रे rराही, ना ठहर बीच डगर...

    अभी बाकी है लम्बा फलसफा 'अंकुर "...
    ना ये तेरा सफर आखिरी है|

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    Replies
    1. धन्यवाद मेरे भाई

      Delete
  2. Brajesh K Mishra10 January 2017 at 00:24

    वाह !!

    ReplyDelete
    Replies
    1. आपका सहृदय आभार आदरणीय

      Delete
  3. Are aapki Hindi bhut acchi h

    ReplyDelete

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