"माँ"

वो
तेरा
नाजुक-सा अहसास,
आज भी है।
तू
मेरे आस-पास,
आज भी है।

तेरे
हाथों की "थप-थपाहट"
फिर-से 'महसूस' हों,
क़ि
उखड़ती 'सीने-से'
"साँस",
आज भी है।

यूँ तो,
बहुतों पर,
मैंने
'भरोसा-कर',
"राज-बांटना" सीख लिया है.... "माँ"
लेकिन
तू ही थी,
"मेरी सबसे खास"
आज भी है।


Comments

  1. Log Zindagi bhar Jannat dhundte hai.
    Asli Jannat to MAA ke Charno me hai.

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    Replies
    1. आपके मेरे मन की बात कह दी भाई

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  2. Nice line bhai, dil chu Liya bhai, Love
    Your maa

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  3. अवश्य ही।
    मोहित जी,
    आप माँ के चरणों की ओर झुकिए..दुनिया आप के लिए झुकेगी,भाई।

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रंगती हो तो रंग जाए, माँ की चूनर बेटों के खून से! तुम को फर्क कहाँ पड़ना है... निन्दा करो जूनून से!

कहीं.. इसके बाद, न मिलूँगा... तुझे! तेरे साथ मेरा, ये सफ़र आखिरी है।